वाक्य और वाक्य के
भेद
वाक्य की परिभाषा
शब्दों का सार्थक
समूह, जो कि व्यवस्थित क्रम में हो तथा वक्ता के आश्य को
स्पष्ट करता हो वाक्य कहलाता है।
जैसे→
1. राधा गाना गाएगी।
2. मोहन आगरा जा रहा है।
वाक्य के अंग
1.
उद्देश्य
2. विधेय
2. विधेय
1. उद्देश्य
→ कर्ता,
कर्ता का विस्तार उद्देश्य कहलाता है।
2. विधेय
→ कर्ता के विषय में जो कुछ कहा जाए उसे विधेय कहते
है। अथवा कर्ता तथा कर्ता के विस्तार के बाद जो कुछ भी शेष रहता है, वह विधेय कहलाता है।
जैसे →
1. राम ने रावण को मारा
इस वाक्य में
राम = कर्ता
ने = कर्ता का विस्तार
रावण को मारा = विधेय
इस वाक्य में
राम = कर्ता
ने = कर्ता का विस्तार
रावण को मारा = विधेय
2. मेरा भाई प्रशान्त धार्मिक पुस्तकें अधिक पढ़ता
है।
मेरा भाई प्रशान्त = उद्देश्य
जिसमें ‘प्रशान्त’ = कर्ता
मेरा भाई = कर्ता का विशेषण अर्थात् ‘कर्ता का विस्तार’
मेरा भाई प्रशान्त = उद्देश्य
जिसमें ‘प्रशान्त’ = कर्ता
मेरा भाई = कर्ता का विशेषण अर्थात् ‘कर्ता का विस्तार’
वाक्य के भेद ( Vakya ke bhed)
1. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
2. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
2. रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना के आधार पर वाक्य के
भेद
1. सरल वाक्य
2. मिश्र वाक्य
3. संयुक्त वाक्य
2. मिश्र वाक्य
3. संयुक्त वाक्य
1. सरल वाक्य→
जिन वाक्यों में एक
उद्देश्य तथा एक विधेय होता है,
उन्हें सरल या साधारण वाक्य कहते हैं।
जैसे →
जैसे →
2. संयुक्त वाक्य→
वह वाक्य जिसमें दो
या दो से अधिक वाक्य या खंड स्वतंत्र रूप से समुच्चयबोधक अव्ययों द्वारा आपस में
जुड़े होते हैं। उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
जैसे →
1. बादल गरज रहे हैं
और वर्षा हो रही है।
2. गांधी जी भारत लौटे
और उन्होंने पराधीन भारतीयों की दुर्दशा देखी।
3. यहाँ पहले जंगल था
परंतु अब घनी बस्ती है।
संयोजक/समुच्चयबोधक
अव्यय शब्द →
तथा,
एवं,
या,
अथवा, और, परन्तु,
लेकिन, किन्तु बल्कि, अतः,
इसलिए आदि।
विशेष – 1. मुझे आज जल्दी जाना था, देर हो गई। (‘लेकिन’ का लोप)
2. वह ईमानदार ही नहीं है, परिश्रमी भी है। (‘बल्कि’ का लोप)
2. वह ईमानदार ही नहीं है, परिश्रमी भी है। (‘बल्कि’ का लोप)
3. मिश्र वाक्य →
जिन वाक्यों में एक
मुख्य उपवाक्य और अन्य उपवाक्य उस पर आश्रित हो, उसे मिश्र वाक्य
कहते हैं |
जैसे →
1. अध्यापिका चाहती है कि बच्चे मेहनत करें।
मुख्य उपवाक्य → अध्यापिका चाहती है
आश्रित उपवाक्य → कि बच्चे मेहनत करें।
मुख्य उपवाक्य → अध्यापिका चाहती है
आश्रित उपवाक्य → कि बच्चे मेहनत करें।
2. राधा ऐसे खेल रही है, जैसे बच्चे खेलते हैं।
मुख्य उपवाक्य → राधा ऐसे खेल रही है।|
आश्रित उपवाक्य → जैसे बच्चे खेलते हैं।
मुख्य उपवाक्य → राधा ऐसे खेल रही है।|
आश्रित उपवाक्य → जैसे बच्चे खेलते हैं।
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