उपसर्ग
जो शब्दांश किसी शब्द से पहले लगाकर नए शब्द का निर्माण करते हैं, वे शब्द उपसर्ग कहलाते हैं।
जैसे – दूर्+ गुण = दुर्गुण
निर्+ बल = निर्बल
सु+ पथ = सुपथ
निर्+ बल = निर्बल
सु+ पथ = सुपथ
उपसर्ग के प्रकार :-
1. संस्कृत के उपसर्ग
2. हिंदी के उपसर्ग
3. उर्दू – फारसी के उपसर्ग
2. हिंदी के उपसर्ग
3. उर्दू – फारसी के उपसर्ग
1. संस्कृत के उपसर्ग :-
‘ अति ‘ उपसर्ग
अति + अधिक= अत्यधिक
अति + रिक्त= अतिरिक्त
अति + अधिक= अत्यधिक
अति + रिक्त= अतिरिक्त
‘ स्व ‘ उपसर्ग
स्व + तंत्र= स्वतंत्र
स्व + राज= स्वराज
स्व + तंत्र= स्वतंत्र
स्व + राज= स्वराज
2. हिंदी के उपसर्ग:-
‘ अध ‘ उपसर्ग –
अध + खिला= अधखिला
अध + जल = अधजल
अध + खिला= अधखिला
अध + जल = अधजल
‘ उन ‘ उपसर्ग –
उन + सठ = उनसठ
उन + तीस= उनतीस
उन + सठ = उनसठ
उन + तीस= उनतीस
‘ पर ‘ उपसर्ग –
पर + लोक = परलोक
पर + उपकार = परोपकार
पर + लोक = परलोक
पर + उपकार = परोपकार
3. उर्दू – फारसी के उपसर्ग:-
‘ कम ‘ उपसर्ग –
कम + उम्र = कमउम्र
कम + अक्ल = कमअक्ल
कम + उम्र = कमउम्र
कम + अक्ल = कमअक्ल
‘ खुश ‘ उपसर्ग –
खुश + नसीब = खुशनसीब
खुश + बू = खुशबू
खुश + नसीब = खुशनसीब
खुश + बू = खुशबू
‘ बे ‘ उपसर्ग –
बे + खबर= बेखबर
बे + ईमान = बेईमान
बे + खबर= बेखबर
बे + ईमान = बेईमान
प्रत्यय
जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में
परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं ।
जैसे – लघु + ता = लघुता
फल + वाला = फलवाला
फल + वाला = फलवाला
प्रत्यय
के भेद:-
1. कृत् प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
1. कृत् प्रत्यय:-
क्रिया
के साथ लगने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते हैं । कृत् प्रत्येक के मेल से बने
शब्दों को कृदंत शब्द कहते हैं ।
जैसे – लिख + आवट = लिखावट
थक + आन = थकान
बोल + ई = बोली
थक + आन = थकान
बोल + ई = बोली
2. तद्धित प्रत्यय:-
जो प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण या अव्यय के
अंत में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें
तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
जैसे – सुं
दर + ता = सुंदरता
सोना + आर =सुनार
सोना + आर =सुनार
1.
संस्कृत के प्रत्यय –
‘ आलु ‘ प्रत्यय –
कृपा + आलु = कृपालु
श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
कृपा + आलु = कृपालु
श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
‘ इक ‘ प्रत्यय –
समाज + इक = सामाजिक
इतिहास+ इक = ऐतिहासिक
समाज + इक = सामाजिक
इतिहास+ इक = ऐतिहासिक
‘ इत ‘ प्रत्यय –
आनंद + इत = आनंदित
अंक + इत =अंकित
आनंद + इत = आनंदित
अंक + इत =अंकित
2.
हिंदी के प्रत्यय –
‘ आई ‘ प्रत्यय –
लड़ + आई = लड़ाई
भला + आई = भलाई
लड़ + आई = लड़ाई
भला + आई = भलाई
‘ आऊ ‘ प्रत्यय –
कम + आऊ = कमाऊ
खा + आऊ = खाऊ
कम + आऊ = कमाऊ
खा + आऊ = खाऊ
‘ आकू ‘ प्रत्यय –
पढ़ + आकू = पढ़ाकू
लड़ + आकू = लड़ाकू
पढ़ + आकू = पढ़ाकू
लड़ + आकू = लड़ाकू
3.
उर्दू के प्रत्यय –
‘ ईन ‘ प्रत्यय –
रंग + ईन = रंगीन
नमक + ईन = नमकीन
रंग + ईन = रंगीन
नमक + ईन = नमकीन
‘ बाज ‘ प्रत्यय –
कबूतर + बाज = कबूतरबाज
धोखा + बाज = धोखेबाज
कबूतर + बाज = कबूतरबाज
धोखा + बाज = धोखेबाज